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NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 5 – नाटक में नाटक (कहानी)

NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 5 – नाटक में नाटक (कहानी)


Page No 34:

Question 1:

(क) बच्चों ने मंच की व्यवस्था किस प्रकार की?
(ख) पर्दे की आड़ में खड़े अन्य साथी मन-ही-मन राकेश की तुरतबुद्धि की प्रशंसा क्यों कर रहे थे?
(ग) नाटक के लिए रिहर्सल की जरूरत क्यों होती है?

Answer:

(क) मोहल्ले के बच्चों ने मिल-जुलकर फालतु पड़े एक छोटे से सार्वजनिक मैदान में दूब व फूल-पौधें लगाए थे। वहीं एक मंच भी बना लिया था।
(ख) पर्दे की आड़ में खड़े अन्य साथी मन ही मन राकेश की तुरतबुद्धि की प्रशंसा कर रहे थे क्योंकि उसने बिगड़े हुए नाटक को सम्भाल लिया था। सभी समझे कि नाटक में नाटक की कठिनाइयाँ बताई गई हैं। सभी दर्शक प्रशंसा करते चले गए।
(ग) नाटक बिना तैयारी के नहीं हो सकता क्योंकि नए कलाकार मंच पर आकर डर जाते हैं। अच्छे-अच्छे कलाकार भी बिना रिहर्सल के घबरा जाते हैं। उन्हें पता नहीं चलता कब, क्या, कहाँ और कैसे बोलना है। रिहर्सल में नाटक की इन्हीं महत्वपूर्ण बातों की चर्चा होती है।

Question 2:

“जब नाटक में अभिनय करने वाले कलाकार भी नए हों, मंच पर आकर डर जाते हों, घबरा जाते हों और कुछ-कुछ बुद्धू भी हों, तब तो अधूरी तैयारी से खेलना ही नहीं चाहिए।”
(क) ऊपर के वाक्य में नाटक से जुड़े कई शब्द आए हैं; जैसे–अभिनय, कलाकार और मंच आदि। तुम पूरी कहानी को पढ़कर ऐसे ही और शब्दों की सूची बनाओ।
तुम इस सूची की तालिका इस प्रकार बना सकते हो–
व्यक्तियों या वस्तुओं के नाम
काम
कलाकार, मंच
अभिनय

Answer:

व्यक्तियों या वस्तुओं के नाम
काम
कलाकार, मंच
अभिनय
चित्रकार, ब्रश, पेन्ट
चित्रकारी
संगीतकार, वायलिन
स्वर लहरी
राकेश, कुर्सी
डायरेक्टर
मोहल्ले वाले
दर्शक

Question 3:

“सोहन बना था शायर।”
तुम किसी गज़ल को किसी पुस्तक में पढ़ सकते हो या किसी व्यक्ति द्वारा गाते हुए सुन सकते हो। इसमें से तुम्हें जो भी पसंद हो उसे इकट्ठा करो। उसे तुम समुचित अवसर पर आवश्यकतानुसार गा भी सकते हो।

Answer:

छात्र अपनी पसंद के अनुसार स्वयं गज़लों को इकट्ठा करें। इसके लिए जगजीत सिंह, गुलाम अली, पंकज उदास आदि की गज़लें सुन सकते हैं और एकत्र कर सकते हैं। इनकी गज़लें आपको बाज़ार में सरलता से उपलब्ध हो जाएँगी।

Question 4:

“श्याम घबरा गया। वह सहसा चुप हो गया। उसके चुप होने से चित्रकार और शायर महोदय भी चुप हो गए। होना यह चाहिए था कि दोनों कोई बात मन की ही बनाकर बात आगे बढ़ा देते।”
अगर तुम श्याम की जगह पर होते, तो अपने मन से कौन से संवाद जोड़ते। लिखो।

Answer:

उस समय शायर को कुछ इस तरह के संवाद बोलने चाहिए थे–
मैं संगीतकार हूँ। मेरा संगीत सुनकर लोग मुग्ध हो जाते हैं। मुझे सुनना सब पसंद करते हैं। मैं जहाँ जाता हूँ, भीड़ लग जाती है।

Page No 35:

Question 5:

नीचे लिखे वाक्य पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दो।
“राकेश को गुस्सा भी आ रहा था और रोना भी।”
(क) तुम्हारे विचार से राकेश को गुस्सा और रोना क्यों आ रहा होगा?
“राकेश मंच पर पहुँच गया। सब चुप हो गए, सकपका गए।”
(ख) तुम्हारे विचार से राकेश जब मंच पर पहुँचा, बाकी सब कलाकार क्यों चुप हो गए होंगे?
“दर्शक सब शांत थे, भौंचक्के थे।”
(ग) दर्शक भौंचक्के क्यों हो गए थे?
“मैंने कहा था न कि रिहर्सल में भी यह मानकर चलो कि दर्शक सामने ही बैठे हैं।”
(घ) राकेश ने ऐसा क्यों कहा होगा?

Answer:

(क) हमारे विचार से राकेश को गुस्सा इसलिए आया क्योंकि वे लोग ठीक से अभिनय नहीं कर रहे थे और रोना इसलिए आया क्योंकि उसकी मेहनत बेकार जा रही थी। उसकी इज़्ज़त मिट्टी में मिल जाएगी, यह सोचकर उसे दुख हो रहा था।
(ख) राकेश अभिनय नहीं कर रहा था। इसलिए अचानक उसे मंच पर देखकर सब चुप हो गए और सकपका गए।
(ग) दर्शक समझ रहे थे कि नाटक बिगड़ गया है, इसलिए वे हंस रहे थे। लेकिन जब उन्हें पता चला कि नाटक बिगड़ा नहीं है। असल में राकेश ने आकर उसे सम्भाल लिया था तो उन्हें लगा कि नाटक में ही नाटक है। वे सब शांत और भौचक्के थे।
(घ) राकेश ने अपने कलाकारों को समझाने के लिए ऐसा कहा था परन्तु इस तरह कहा कि ऐसा लगा मानों यह नाटक का ही हिस्सा हो। उसने ऐसा कहकर नाटक को सम्भाल लिया।

Question 6:

कहानी में से चुनकर कुछ संवाद नीचे दिए गए हैं। उन संवादों को अभिनय के साथ बोलकर दिखाओ।
(क) चित्रकार महोदय हाथ में कूची पकड़े-आँखें नचा-नचाकर, मटक-मटककर बोल रहे थे, “अरे चमगादड़, तुझे क्या खाक शायरी करना आता है। ज़बरदस्ती ही तुझे यह पार्ट दे दिया। तूने सारा गड़बड़ कर दिया।”
(ख) मोहन बोला, “मेरा तो दिल बहुत ज़ोरों से धड़क रहा है।”
(ग) राकेश पहुँचते ही एक कुर्सी पर बैठते हुए बोला, “बोला, “आज मुझे अस्पताल में हाथ पर पट्टी बँधवाने में देर हो गई, तो तुमने इस तरह ‘रिहर्सल’ की है। ज़ोर-ज़ोर से लड़ने लगे।”
(घ) चित्रकार महोदय ने हाथ उठाकर कहा, “देख, मुँह सँभालकर बोल।”

Answer:

यह भाग छात्रों के अभिनय-पक्ष को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से दिया गया है। अतः यह छात्रों को स्वयं करना है।अपनी कक्षा में अभिनय के साथ संवाद बोलने का प्रयास करें।

Question 7:

“जब संगीत की स्वर लहरी गूँजती है तो पशु-पक्षी तक मुग्ध हो जाते हैं, शायर साहब! आप क्या समझते हैं संगीत को?”
इस संवाद को पढ़ो और बाताओ कि–
(क) कहानी में इसके बदले किसने, क्यों और क्या बोला? तुम उसको लिखकर बताओ।
(ख) कहानी में शायर के बदले गाजर कहने से क्या हुआ? तुम भी अगर किसी शब्द के बदले किसी अन्य शब्द का प्रयोग कर दो तो क्या होगा?

Answer:

(क) इसके बदले संगीतकार ने अपना संवाद भूलने और राकेश की बात ठीक से न सुनने पर कहा कि जब संगीत की स्वर लहरी गूँजती है तो सब पशु-पक्षी तक मुँह की खा जाते हैं, गाजर साहब! आप क्या समझते हैं हमें गाजर साहब!
(ख) यदि हम किसी गलत शब्द का इस्तेमाल करेंगे तो हमें भी उलट कर वही जवाब मिलेगा।

Page No 36:

Question 8:

इस कहानी का शीर्षक ‘नाटक में नाटक’ है। कहानी में जो नाटक है तुम उसका शीर्षक बताओ।

Answer:

इस कहानी के नाटक का शीर्षक यह होना चाहिए, “रिहर्सल और नाटक की समस्या”।

Question 9:

कहानी में चित्रकार बना मोहन, शायर बना सोहन और संगीतकार बना श्याम अपनी-अपनी कला को महान बताने के साथ एक-दूसरे को छोटा-बड़ा बताने वाले संवादों को बोलकर झगड़े की समस्या को बढ़ावा देते दिख रहे हैं। तुम उन संवादों को गौर से पढ़ो और उसे इस तरह बदलकर दिखाओ कि आपसी झगड़े की समस्या का समाधान हो जाए। चलो शुरुआत हम कर देते हैं; जैसे–’चित्रकार कहता है उसकी कला महान’ के बदले अगर चित्रकार कहे कि ‘हम सबकी कला महान’ तो झगड़े की शायद शुरूआत ही न हो। अब तुम यह बताओ कि–
(क) संगीतकार को क्या कहना चाहिए?
(ख) शायर को क्या कहना चाहिए?
(ग) तुम यह भी बताओ कि इन सभी कलाकारों को तुम्हारे अनुसार वह संवाद क्यों कहना चाहिए?

Answer:

(क) संगीतकार को कहना चाहिए था कि आप सब की कला महान है, पर संगीत में एक लय है, मधुरता है जो कानों को अच्छी लगती है।
(ख) शायर को कहना चाहिए संगीत कानों को मधुर लगती है। चित्रकारी आँखों और मन को अच्छी लगती है, परन्तु शायरी आत्मा को छू लेती है।
(ग) इससे सभी कलाकार चाहे वह संगीतकार हो, चाहे चित्रकार हो, चाहे शायर हो सभी एक दूसरे को तथा उनकी कला को महान समझेंगे और अपनी कलाकारी पर गौरवान्वित महसूस करेंगे।

Question 10:

नीचे दिए गए वाक्यों के अंत में उचित विराम चिह्न लगाओ–
(क) शायर साहब बोले उधर जाकर सुन ले न
(ख) सभी लोग हँसने लगे
(ग) तुम नाटक में कौन-सा पार्ट कर रहे हो
(घ) मोहन बोला अरे क्या हुआ तुम तो अपना संवाद भूल गए

Answer:

(क) शायर साहब बोले, “उधर जाकर सुन ले न।”
(ख) सभी लोग हँसने लगे।
(ग) तुम नाटक में कौन-सा पार्ट कर रहे हो?
(घ) मोहन बोला, “अरे! क्या हुआ तुम तो अपना संवाद भूल गए।”

Page No 34:

Question 1:

(क) बच्चों ने मंच की व्यवस्था किस प्रकार की?
(ख) पर्दे की आड़ में खड़े अन्य साथी मन-ही-मन राकेश की तुरतबुद्धि की प्रशंसा क्यों कर रहे थे?
(ग) नाटक के लिए रिहर्सल की जरूरत क्यों होती है?

Answer:

(क) मोहल्ले के बच्चों ने मिल-जुलकर फालतु पड़े एक छोटे से सार्वजनिक मैदान में दूब व फूल-पौधें लगाए थे। वहीं एक मंच भी बना लिया था।
(ख) पर्दे की आड़ में खड़े अन्य साथी मन ही मन राकेश की तुरतबुद्धि की प्रशंसा कर रहे थे क्योंकि उसने बिगड़े हुए नाटक को सम्भाल लिया था। सभी समझे कि नाटक में नाटक की कठिनाइयाँ बताई गई हैं। सभी दर्शक प्रशंसा करते चले गए।
(ग) नाटक बिना तैयारी के नहीं हो सकता क्योंकि नए कलाकार मंच पर आकर डर जाते हैं। अच्छे-अच्छे कलाकार भी बिना रिहर्सल के घबरा जाते हैं। उन्हें पता नहीं चलता कब, क्या, कहाँ और कैसे बोलना है। रिहर्सल में नाटक की इन्हीं महत्वपूर्ण बातों की चर्चा होती है।

Question 2:

“जब नाटक में अभिनय करने वाले कलाकार भी नए हों, मंच पर आकर डर जाते हों, घबरा जाते हों और कुछ-कुछ बुद्धू भी हों, तब तो अधूरी तैयारी से खेलना ही नहीं चाहिए।”
(क) ऊपर के वाक्य में नाटक से जुड़े कई शब्द आए हैं; जैसे–अभिनय, कलाकार और मंच आदि। तुम पूरी कहानी को पढ़कर ऐसे ही और शब्दों की सूची बनाओ।
तुम इस सूची की तालिका इस प्रकार बना सकते हो–
व्यक्तियों या वस्तुओं के नाम
काम
कलाकार, मंच
अभिनय

Answer:

व्यक्तियों या वस्तुओं के नाम
काम
कलाकार, मंच
अभिनय
चित्रकार, ब्रश, पेन्ट
चित्रकारी
संगीतकार, वायलिन
स्वर लहरी
राकेश, कुर्सी
डायरेक्टर
मोहल्ले वाले
दर्शक

Question 3:

“सोहन बना था शायर।”
तुम किसी गज़ल को किसी पुस्तक में पढ़ सकते हो या किसी व्यक्ति द्वारा गाते हुए सुन सकते हो। इसमें से तुम्हें जो भी पसंद हो उसे इकट्ठा करो। उसे तुम समुचित अवसर पर आवश्यकतानुसार गा भी सकते हो।

Answer:

छात्र अपनी पसंद के अनुसार स्वयं गज़लों को इकट्ठा करें। इसके लिए जगजीत सिंह, गुलाम अली, पंकज उदास आदि की गज़लें सुन सकते हैं और एकत्र कर सकते हैं। इनकी गज़लें आपको बाज़ार में सरलता से उपलब्ध हो जाएँगी।

Question 4:

“श्याम घबरा गया। वह सहसा चुप हो गया। उसके चुप होने से चित्रकार और शायर महोदय भी चुप हो गए। होना यह चाहिए था कि दोनों कोई बात मन की ही बनाकर बात आगे बढ़ा देते।”
अगर तुम श्याम की जगह पर होते, तो अपने मन से कौन से संवाद जोड़ते। लिखो।

Answer:

उस समय शायर को कुछ इस तरह के संवाद बोलने चाहिए थे–
मैं संगीतकार हूँ। मेरा संगीत सुनकर लोग मुग्ध हो जाते हैं। मुझे सुनना सब पसंद करते हैं। मैं जहाँ जाता हूँ, भीड़ लग जाती है।

Page No 35:

Question 5:

नीचे लिखे वाक्य पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दो।
“राकेश को गुस्सा भी आ रहा था और रोना भी।”
(क) तुम्हारे विचार से राकेश को गुस्सा और रोना क्यों आ रहा होगा?
“राकेश मंच पर पहुँच गया। सब चुप हो गए, सकपका गए।”
(ख) तुम्हारे विचार से राकेश जब मंच पर पहुँचा, बाकी सब कलाकार क्यों चुप हो गए होंगे?
“दर्शक सब शांत थे, भौंचक्के थे।”
(ग) दर्शक भौंचक्के क्यों हो गए थे?
“मैंने कहा था न कि रिहर्सल में भी यह मानकर चलो कि दर्शक सामने ही बैठे हैं।”
(घ) राकेश ने ऐसा क्यों कहा होगा?

Answer:

(क) हमारे विचार से राकेश को गुस्सा इसलिए आया क्योंकि वे लोग ठीक से अभिनय नहीं कर रहे थे और रोना इसलिए आया क्योंकि उसकी मेहनत बेकार जा रही थी। उसकी इज़्ज़त मिट्टी में मिल जाएगी, यह सोचकर उसे दुख हो रहा था।
(ख) राकेश अभिनय नहीं कर रहा था। इसलिए अचानक उसे मंच पर देखकर सब चुप हो गए और सकपका गए।
(ग) दर्शक समझ रहे थे कि नाटक बिगड़ गया है, इसलिए वे हंस रहे थे। लेकिन जब उन्हें पता चला कि नाटक बिगड़ा नहीं है। असल में राकेश ने आकर उसे सम्भाल लिया था तो उन्हें लगा कि नाटक में ही नाटक है। वे सब शांत और भौचक्के थे।
(घ) राकेश ने अपने कलाकारों को समझाने के लिए ऐसा कहा था परन्तु इस तरह कहा कि ऐसा लगा मानों यह नाटक का ही हिस्सा हो। उसने ऐसा कहकर नाटक को सम्भाल लिया।

Question 6:

कहानी में से चुनकर कुछ संवाद नीचे दिए गए हैं। उन संवादों को अभिनय के साथ बोलकर दिखाओ।
(क) चित्रकार महोदय हाथ में कूची पकड़े-आँखें नचा-नचाकर, मटक-मटककर बोल रहे थे, “अरे चमगादड़, तुझे क्या खाक शायरी करना आता है। ज़बरदस्ती ही तुझे यह पार्ट दे दिया। तूने सारा गड़बड़ कर दिया।”
(ख) मोहन बोला, “मेरा तो दिल बहुत ज़ोरों से धड़क रहा है।”
(ग) राकेश पहुँचते ही एक कुर्सी पर बैठते हुए बोला, “बोला, “आज मुझे अस्पताल में हाथ पर पट्टी बँधवाने में देर हो गई, तो तुमने इस तरह ‘रिहर्सल’ की है। ज़ोर-ज़ोर से लड़ने लगे।”
(घ) चित्रकार महोदय ने हाथ उठाकर कहा, “देख, मुँह सँभालकर बोल।”

Answer:

यह भाग छात्रों के अभिनय-पक्ष को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से दिया गया है। अतः यह छात्रों को स्वयं करना है।अपनी कक्षा में अभिनय के साथ संवाद बोलने का प्रयास करें।

Question 7:

“जब संगीत की स्वर लहरी गूँजती है तो पशु-पक्षी तक मुग्ध हो जाते हैं, शायर साहब! आप क्या समझते हैं संगीत को?”
इस संवाद को पढ़ो और बाताओ कि–
(क) कहानी में इसके बदले किसने, क्यों और क्या बोला? तुम उसको लिखकर बताओ।
(ख) कहानी में शायर के बदले गाजर कहने से क्या हुआ? तुम भी अगर किसी शब्द के बदले किसी अन्य शब्द का प्रयोग कर दो तो क्या होगा?

Answer:

(क) इसके बदले संगीतकार ने अपना संवाद भूलने और राकेश की बात ठीक से न सुनने पर कहा कि जब संगीत की स्वर लहरी गूँजती है तो सब पशु-पक्षी तक मुँह की खा जाते हैं, गाजर साहब! आप क्या समझते हैं हमें गाजर साहब!
(ख) यदि हम किसी गलत शब्द का इस्तेमाल करेंगे तो हमें भी उलट कर वही जवाब मिलेगा।

Page No 36:

Question 8:

इस कहानी का शीर्षक ‘नाटक में नाटक’ है। कहानी में जो नाटक है तुम उसका शीर्षक बताओ।

Answer:

इस कहानी के नाटक का शीर्षक यह होना चाहिए, “रिहर्सल और नाटक की समस्या”।

Question 9:

कहानी में चित्रकार बना मोहन, शायर बना सोहन और संगीतकार बना श्याम अपनी-अपनी कला को महान बताने के साथ एक-दूसरे को छोटा-बड़ा बताने वाले संवादों को बोलकर झगड़े की समस्या को बढ़ावा देते दिख रहे हैं। तुम उन संवादों को गौर से पढ़ो और उसे इस तरह बदलकर दिखाओ कि आपसी झगड़े की समस्या का समाधान हो जाए। चलो शुरुआत हम कर देते हैं; जैसे–’चित्रकार कहता है उसकी कला महान’ के बदले अगर चित्रकार कहे कि ‘हम सबकी कला महान’ तो झगड़े की शायद शुरूआत ही न हो। अब तुम यह बताओ कि–
(क) संगीतकार को क्या कहना चाहिए?
(ख) शायर को क्या कहना चाहिए?
(ग) तुम यह भी बताओ कि इन सभी कलाकारों को तुम्हारे अनुसार वह संवाद क्यों कहना चाहिए?

Answer:

(क) संगीतकार को कहना चाहिए था कि आप सब की कला महान है, पर संगीत में एक लय है, मधुरता है जो कानों को अच्छी लगती है।
(ख) शायर को कहना चाहिए संगीत कानों को मधुर लगती है। चित्रकारी आँखों और मन को अच्छी लगती है, परन्तु शायरी आत्मा को छू लेती है।
(ग) इससे सभी कलाकार चाहे वह संगीतकार हो, चाहे चित्रकार हो, चाहे शायर हो सभी एक दूसरे को तथा उनकी कला को महान समझेंगे और अपनी कलाकारी पर गौरवान्वित महसूस करेंगे।

Question 10:

नीचे दिए गए वाक्यों के अंत में उचित विराम चिह्न लगाओ–
(क) शायर साहब बोले उधर जाकर सुन ले न
(ख) सभी लोग हँसने लगे
(ग) तुम नाटक में कौन-सा पार्ट कर रहे हो
(घ) मोहन बोला अरे क्या हुआ तुम तो अपना संवाद भूल गए

Answer:

(क) शायर साहब बोले, “उधर जाकर सुन ले न।”
(ख) सभी लोग हँसने लगे।
(ग) तुम नाटक में कौन-सा पार्ट कर रहे हो?
(घ) मोहन बोला, “अरे! क्या हुआ तुम तो अपना संवाद भूल गए।”

Courtesy : CBSE