NCERT Solutions for Class 8 Hindi Chapter 15 – फ़र्श पर (कविता)
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Question 1:
(क) कविता में फ़र्श पर कौन-कौन और क्या-क्या करते हैं?
(ख) फ़र्श पर सभी के द्वारा कुछ न कुछ काम करने की बात कविता में हुई है, मगर महरी के काम को ही कविता लिखना क्यों कहा गया है?
Answer:
(क) फ़र्श पर चिड़िया तिनके बिखेर देती है। हवा धूल बिखेर देती है। सूरज धूप बिखेरता है। मुन्ना दूध की कटोरी उलट देता है। मम्मी दाल चावल के बिने दाने बिखेर देती है और पापा जूते बिखेर देते हैं।
(ख) महरी के काम को ही कविता लिखना कहा गया है क्योंकि वह झाड़ू लगाती है। फिर पोंछा लगाती है और पोंछा लगाते समय कुछ लाइनें छोड़ देती है, इसी को कविता कहा गया है।
Question 2:
(क) तुम अगर मुन्ना की जगह रहो तो क्या करोगे और क्यों?
(ख) मम्मी और महरी के काम में तुम्हें जो कुछ समानता और असमानता नज़र आती है, उसे अपने ढंग से बताओ।
(ग) तुम कविता में सभी को कुछ न कुछ करते हुए पाते हो। उसमें से तुम्हें किसका काम सबसे ज़्यादा पसंद है और क्यों?
(घ) तुम अपने घर को साफ़ रखने के लिए क्या-क्या करते हो?
उन कामों की सूची बनाओ और उसके सामने यह भी लिखो कि तुम वह काम कब-कब करते हो?
Answer:
(क) हम भी अगर मुन्ना की जगह होंगे तो ऐसा हो कुछ कर जाएँगे क्योंकि वह छोटा-सा बच्चा है और यह सब नादानी में करता है।
(ख) मम्मी और महरी दोनों साफ़-सफ़ाई करती हैं, खाना भी बनाती हैं, कपड़े धोती है और बर्तन भी धोती हैं।मगर मम्मी जो खाना बनाती है, वह स्वादिष्ट होता है। महरी का खाना स्वादिष्ट नहीं होता है। माँ हमें तैयार करती है, महरी नहीं करती है।माँ हमें पढ़ाती है और बाज़ार से सामान भी लाती है परन्तु महरी केवल झाडू-पोंछा, बर्तन साफ़ करके अपना पैसा लेती है। मम्मी की कोई मांग नहीं होती।
(ग) हमें सूरज का काम सबसे अच्छा लगा। उससे गन्दगी भी नहीं होती। हमें रोशनी भी मिलती है।
(घ) विद्यालय के बाद घर आकर हम घर को साफ़ रखने के लिए हर चीज़ जगह पर रखते हैं। शाम को घर में खेलते समय सामान फैलाते नहीं हैं। रात को पढ़ते समय कागज़ और पेंन्सिल के टुकड़े इधर-उधर नहीं फेंकते हैं। (इस प्रश्न का उत्तर बच्चे अपने व्यक्तिगत कार्य प्रणाली के अनुसार कर सकते हैं।)
Question 3:
कविता में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं–
चिड़िया, डाल, तिनके, सूरज, हवा, हाथ, मुन्ना, कविता
इनका प्रयोग करते हुए कोई कहानी या कविता लिखो।
Answer:
माँ ने ठंडी हवा आने के लिए खिड़की खोली। उसमें से सूरज की रोशनी छन-छन कर आ रही थी। खिड़की खुलते ही चिड़िया अन्दर आ गई और अपना घोंसला बनाने के लिए तिनके लाने लगी। इससे तिनके इधर-उधर बिखरने लगे। माँ परेशान होकर चिड़िया को भगाने लगी। चिड़िया डाल पर फुदकती फिर वापस आ जाती। मुन्ना ने देखा तो बहुत खुश हुआ और खुश होकर दोनों हाथों से तालियाँ बजाने लगा साथ ही अपनी तोतली आवाज़ में कविता गाने लगा, “चिड़िया आई चिड़िया आई, दाल का दाना लाई।”
Question 4:
“और इस तरह लिखती है हर रोज़
एक कविता फ़र्श पर।”
कविता में फ़र्श परकाम करने को भी कविता लिखना बताया गया है। फ़र्श के अतिरिक्त अन्यत्र भी तुम कुछ लोगों को काम करते हुए पा सकते हो। उनमें से तुम जिन कामों को कविता लिखना बता सकते हो, बताओ और उसके कारण भी बताओ।
Answer:
बर्तन मांजना, कपड़े धोना इस तरह के कामों में कविता जैसी तरंग और लय होती है। जब हम बर्तन धोते हैं, तो घिस-घिस और टन-टन-टनाटन (बर्तन गिरने) की आवाज़ें आती हैं। कपड़े धोते समय ब्रश के घिसने से भी आवाज़ें आती हैं और थापी की थप-थप में संगीत सुनाई देता है।
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Question 5:
बच्चे फ़र्श पर अपनी मर्ज़ी से जो उन्हें अच्छा काम लगता है वो काम करते हैं। उसमें कभी-कभी फ़र्श को तो कभी-कभी बच्चों को भी नुकसान उठाना पड़ता है। पता करो–
(क) बच्चों द्वारा फ़र्श पर क्या-क्या करने से उन्हें नुकसान होता है? उसकी सूची बनाओ।
(ख) बच्चों के किन-किन कामों से फ़र्श को नुकसान होता है?
Answer:
(क) ज़ोर-ज़ोर से कूदते हैं, तो उनको ही चोट लगने का डर रहता है। सामान इधर-उधर फेंक देते हैं, जिससे वे गिर सकते हैं। चिकने फ़र्श पर पानी गिरा देते हैं और इस कारण से फिसलन हो जाती है, इससे भी वे गिर सकते हैं।
(ख) बच्चे फ़र्श पर नुकीली चीज़ से लिखने का प्रयास करते हैं, जिससे फ़र्श पर लकीरें पड़ जाती हैं। कुछ सामान घसीटते हैं, तो भी रगड़ पड़ जाती है। इस तरह के कामों से फ़र्श को नुकसान पहुँचता है।
Question 6:
कविता में बहुत से कामों का ज़िक्र किया गया है; जैसे –बीनना, बिखेरना, सजाना, उतारना, समेटना आदि। इन्हें क्रियाएँ कहते हैं। नीचे कुछ शब्द दिए गए हैं। इन्हें उचित क्रिया के साथ लिखो–
पानी, टोकरी, बस्ता, चावल, हथेली, रंग, जूते
………………….. | बीनना |
………………….. | उतारना |
………………….. | बिखेरना |
………………….. | समेटना |
………………….. | सजाना |
Answer:
चावल | बीनना |
जूते, टोकरी | उतारना |
पानी, रंग | बिखेरना |
बस्ता | समेटना |
हथेली, टोकरी | सजाना |
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Question 1:
(क) कविता में फ़र्श पर कौन-कौन और क्या-क्या करते हैं?
(ख) फ़र्श पर सभी के द्वारा कुछ न कुछ काम करने की बात कविता में हुई है, मगर महरी के काम को ही कविता लिखना क्यों कहा गया है?
Answer:
(क) फ़र्श पर चिड़िया तिनके बिखेर देती है। हवा धूल बिखेर देती है। सूरज धूप बिखेरता है। मुन्ना दूध की कटोरी उलट देता है। मम्मी दाल चावल के बिने दाने बिखेर देती है और पापा जूते बिखेर देते हैं।
(ख) महरी के काम को ही कविता लिखना कहा गया है क्योंकि वह झाड़ू लगाती है। फिर पोंछा लगाती है और पोंछा लगाते समय कुछ लाइनें छोड़ देती है, इसी को कविता कहा गया है।
Question 2:
(क) तुम अगर मुन्ना की जगह रहो तो क्या करोगे और क्यों?
(ख) मम्मी और महरी के काम में तुम्हें जो कुछ समानता और असमानता नज़र आती है, उसे अपने ढंग से बताओ।
(ग) तुम कविता में सभी को कुछ न कुछ करते हुए पाते हो। उसमें से तुम्हें किसका काम सबसे ज़्यादा पसंद है और क्यों?
(घ) तुम अपने घर को साफ़ रखने के लिए क्या-क्या करते हो?
उन कामों की सूची बनाओ और उसके सामने यह भी लिखो कि तुम वह काम कब-कब करते हो?
Answer:
(क) हम भी अगर मुन्ना की जगह होंगे तो ऐसा हो कुछ कर जाएँगे क्योंकि वह छोटा-सा बच्चा है और यह सब नादानी में करता है।
(ख) मम्मी और महरी दोनों साफ़-सफ़ाई करती हैं, खाना भी बनाती हैं, कपड़े धोती है और बर्तन भी धोती हैं।मगर मम्मी जो खाना बनाती है, वह स्वादिष्ट होता है। महरी का खाना स्वादिष्ट नहीं होता है। माँ हमें तैयार करती है, महरी नहीं करती है।माँ हमें पढ़ाती है और बाज़ार से सामान भी लाती है परन्तु महरी केवल झाडू-पोंछा, बर्तन साफ़ करके अपना पैसा लेती है। मम्मी की कोई मांग नहीं होती।
(ग) हमें सूरज का काम सबसे अच्छा लगा। उससे गन्दगी भी नहीं होती। हमें रोशनी भी मिलती है।
(घ) विद्यालय के बाद घर आकर हम घर को साफ़ रखने के लिए हर चीज़ जगह पर रखते हैं। शाम को घर में खेलते समय सामान फैलाते नहीं हैं। रात को पढ़ते समय कागज़ और पेंन्सिल के टुकड़े इधर-उधर नहीं फेंकते हैं। (इस प्रश्न का उत्तर बच्चे अपने व्यक्तिगत कार्य प्रणाली के अनुसार कर सकते हैं।)
Question 3:
कविता में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं–
चिड़िया, डाल, तिनके, सूरज, हवा, हाथ, मुन्ना, कविता
इनका प्रयोग करते हुए कोई कहानी या कविता लिखो।
Answer:
माँ ने ठंडी हवा आने के लिए खिड़की खोली। उसमें से सूरज की रोशनी छन-छन कर आ रही थी। खिड़की खुलते ही चिड़िया अन्दर आ गई और अपना घोंसला बनाने के लिए तिनके लाने लगी। इससे तिनके इधर-उधर बिखरने लगे। माँ परेशान होकर चिड़िया को भगाने लगी। चिड़िया डाल पर फुदकती फिर वापस आ जाती। मुन्ना ने देखा तो बहुत खुश हुआ और खुश होकर दोनों हाथों से तालियाँ बजाने लगा साथ ही अपनी तोतली आवाज़ में कविता गाने लगा, “चिड़िया आई चिड़िया आई, दाल का दाना लाई।”
Question 4:
“और इस तरह लिखती है हर रोज़
एक कविता फ़र्श पर।”
कविता में फ़र्श परकाम करने को भी कविता लिखना बताया गया है। फ़र्श के अतिरिक्त अन्यत्र भी तुम कुछ लोगों को काम करते हुए पा सकते हो। उनमें से तुम जिन कामों को कविता लिखना बता सकते हो, बताओ और उसके कारण भी बताओ।
Answer:
बर्तन मांजना, कपड़े धोना इस तरह के कामों में कविता जैसी तरंग और लय होती है। जब हम बर्तन धोते हैं, तो घिस-घिस और टन-टन-टनाटन (बर्तन गिरने) की आवाज़ें आती हैं। कपड़े धोते समय ब्रश के घिसने से भी आवाज़ें आती हैं और थापी की थप-थप में संगीत सुनाई देता है।
Page No 103:
Question 5:
बच्चे फ़र्श पर अपनी मर्ज़ी से जो उन्हें अच्छा काम लगता है वो काम करते हैं। उसमें कभी-कभी फ़र्श को तो कभी-कभी बच्चों को भी नुकसान उठाना पड़ता है। पता करो–
(क) बच्चों द्वारा फ़र्श पर क्या-क्या करने से उन्हें नुकसान होता है? उसकी सूची बनाओ।
(ख) बच्चों के किन-किन कामों से फ़र्श को नुकसान होता है?
Answer:
(क) ज़ोर-ज़ोर से कूदते हैं, तो उनको ही चोट लगने का डर रहता है। सामान इधर-उधर फेंक देते हैं, जिससे वे गिर सकते हैं। चिकने फ़र्श पर पानी गिरा देते हैं और इस कारण से फिसलन हो जाती है, इससे भी वे गिर सकते हैं।
(ख) बच्चे फ़र्श पर नुकीली चीज़ से लिखने का प्रयास करते हैं, जिससे फ़र्श पर लकीरें पड़ जाती हैं। कुछ सामान घसीटते हैं, तो भी रगड़ पड़ जाती है। इस तरह के कामों से फ़र्श को नुकसान पहुँचता है।
Question 6:
कविता में बहुत से कामों का ज़िक्र किया गया है; जैसे –बीनना, बिखेरना, सजाना, उतारना, समेटना आदि। इन्हें क्रियाएँ कहते हैं। नीचे कुछ शब्द दिए गए हैं। इन्हें उचित क्रिया के साथ लिखो–
पानी, टोकरी, बस्ता, चावल, हथेली, रंग, जूते
………………….. | बीनना |
………………….. | उतारना |
………………….. | बिखेरना |
………………….. | समेटना |
………………….. | सजाना |
Answer:
चावल | बीनना |
जूते, टोकरी | उतारना |
पानी, रंग | बिखेरना |
बस्ता | समेटना |
हथेली, टोकरी | सजाना |