NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 2 – ल्हासा की ओर
Page No 29:
Question 1:
थोङ्ला के पहले के आखिरी गाँव पहुँचने पर भिखमंगे के वेश में होने के बावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका। क्यों?
Answer:
लेखक के मित्र सुमति की यहाँ के लोगों से जान-पहचान होने के कारण भिखमंगों के वेश में रहने के बावजूद भी उन्हें ठहरने के लिए अच्छी जगह मिली।
जबकि दूसरी यात्रा के समय जानकारी न होने के कारण भद्र यात्री के वेश में आने पर भी उन्हें रहने के लिए उचित स्थान नहीं मिला। उन्हें गाँव के एक सबसे गरीब झोंपड़े में ठहरने को स्थान मिला। ऐसा होना बहुत कुछ, लोगों की उस वक्त की मनोवृति पर भी निर्भर करता है। क्योंकि शाम के वक्त छङ् पीकर बहुत कम होश-हवास को दुरुस्त रख पाते हैं।
Question 2:
उस समय के तिब्बत में हथियार का कानून न रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकार का भय बना रहता था?
Answer:
तिब्बत में हथियार का कानून न रहने के कारण उस समय यात्रियों को डाकुओं से मारे जाने का खतरा था।
Question 3:
लेखक लङ्कोर के मार्ग में अपने साथियों से किस कारण पिछड़ गया?
Answer:
लङ्कोर के मार्ग में लेखक का घोड़ा थककर धीमा चलने लगा था इसलिए लेखक अपने साथियों से पिछड़कर रास्ता भटक गए।
Question 4:
लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका, परंतु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया?
Answer:
एक मंदिर में लेखक वहाँ के बुद्धवचन-अनुवाद की हस्तलिखित पोथियाँ पढ़ रहे थे। वे पोथियाँ को पढ़ने में मग्न थे। इसलिए सुमति के अपने यजमानों से मिलने जाने के बारे में पूछने पर लेखक ने उन्हें जाने के लिए कह दिया।
Question 5:
अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?
Answer:
यात्रा के दौरान लेखक को निम्नलिखित कठिनाइयों का सामना करना पड़ा –
(1) उस समय भारतीयों को तिब्बत यात्रा की अनुमति नहीं थी। इसलिए उन्हें भिखमंगे के रुप में यात्रा करना पड़ी।
(2) चोरी के डर से भिखमंगों को वहाँ के लोग घर में घुसने नहीं देते थे। इसी कारण लेखक को भी ठहरने के स्थान को लेकर कठिनाई का सामना करना पड़ा।
(3) डाँड़ा थोङ्ला जैसी खतरनाक जगह को पार करना पड़ा।
(4) लङ्कोर का रास्ता तय करते समय रास्ता भटक जाने के कारण वे अपने साथियों से बिछड़ गए।
Question 6:
प्रस्तुत यात्रा-वृत्तांत के आधार पर बताइए कि उस समय का तिब्बती समाज कैसा था?
Answer:
उस समय तिब्बती समाज में जाति-पाँति, छुआ-छूत नहीं था, औरतों के लिए परदा प्रथा का प्रचलन भी नहीं था, अपरिचित व्यक्ति को वे अपने घर में आने दे सकते थे परन्तु चोरी के भय से किसी भिखमंगे को घर में घुसने नहीं देते थे। वहाँ आतिथ्य सत्कार अच्छी तरह से किया जाता था।
Question 7:
‘मैं अब पुस्तकों के भीतर था।’ नीचे दिए गए विकल्पों में से कौन सा इस वाक्य का अर्थ बतलाता है –
(क) लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया।
(ख) लेखक पुस्तकों की शैल्फ़ के भीतर चला गया।
(ग) लेखक के चारों ओर पुस्तकें ही थीं।
(घ) पुस्तक में लेखक का परिचय और चित्र छपा था।
Answer:
(क) लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया। (✓)
Page No 30:
Question 8:
सुमति के यजमान और अन्य परिचित लोग लगभग हर गाँव में मिले। इस आधार पर आप सुमति के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का चित्रण कर सकते हैं?
Answer:
सुमति की चारित्रिक विशेषताएँ –
(1) सुमति व्यवहार कुशल व्यक्ति थे।
(2) उनका व्यवहार सबसे मित्रतापूर्ण था।
(3) वे जहाँ भी जाते थे वहीं अपने अच्छे स्वभाव के कारण मित्र बना लेते थे।
(4) अलग-अलग जगहों पर घूमना उन्हें ज़्यादा पसंद था।
(5) वे एक से अधिक बार तिब्बत आ चुके थे और वहाँ के हर एक गाँव से भली-भाँति परिचित थे।
Question 9:
‘हालाँकि उस वक्त मेरा भेष ऐसा नहीं था कि उन्हें कुछ भी खयाल करना चाहिए था।’ –
उक्त कथन के अनुसार हमारे आचार-व्यवहार के तरीके वेशभूषा के आधार पर तय होते हैं। आपकी समझ से यह उचित है अथवा अनुचित, विचार व्यक्त करें।
Answer:
बहुत हद तक वेश-भूषा हमारे आचार-व्यवहार से सम्बन्धित होती है। वेश-भूषा मनुष्य के व्यक्तित्व को दर्शाती है। उदाहरण के तौर पर साधु-संत को देखकर उनका सात्विक रूप हमारे सामने उभरता है। उसी प्रकार एक भिखमंगे की वेश-भूषा देखने पर उसकी आर्थिक विप्पणता सामने आती है।
Question 10:
यात्रा-वृत्तांत के आधार पर तिब्बत की भौगोलिक स्थिति का शब्द-चित्र प्रस्तुत करें। वहाँ की स्थिति आपवेफ राज्य/शहर से किस प्रकार भिन्न है?
Answer:
तिब्बत एक पहाड़ी प्रदेश है। यहाँ बरफ़ पड़ती है। इसकी सीमा हिमालय पर्वत से शुरू होती है। डाँड़े के ऊपर से समुद्र तल की गहराई लगभग 17-18 हज़ार फीट है। पूरब से पश्चिम की ओर हिमालय के हज़ारों श्वेत शिखर दिखते है। भीटे की ओर दीखने वाले पहाड़ों पर न तो बरफ़ की सफ़ेदी थी, न किसी तरह की हरियाली। उत्तर की तरफ पत्थरों का ढ़ेर था।
Question 11:
आपने भी किसी स्थान की यात्रा अवश्य की होगी? यात्रा के दौरान हुए अनुभवों को लिखकर प्रस्तुत करें।
Answer:
इस प्रश्न का उत्तर अपने अनुभवों के आधार पर दें।
Question 12:
यात्रा-वृत्तांत गद्य साहित्य की एक विधा है। आपकी इस पाठ्यपुस्तक में कौन-कौन सी विधाएँ हैं? प्रस्तुत विधा उनसे किन मायनों में अलग है?
Answer:
प्रस्तुत पाठ्यपुस्तक में “महादेवी वर्मा” द्वारा रचित “मेरे बचपन के दिन” संस्मरण है। संस्मरण भी गद्य साहित्य की एक विधा है। इसमें लेखिका के बचपन की यादों का एक अंश प्रस्तुत किया गया है।
यात्रा वृत्तांत तथा संस्मरण दोनों ही गद्य साहित्य की विधाएँ हैं जोकि एक दूसरे से भिन्न है। यात्रा वृत्तांत किसी एक क्षेत्र की यात्रा के अपने अनुभवों पर आधारित है तथा संस्मरण जीवन के किसी व्यक्ति विशेष या किसी खास स्थान की स्मृति पर आधारित है। संस्मरण का क्षेत्र यात्रा वृत्तांत से अधिक व्यापक है।
Question 13:
किसी भी बात को अनेक प्रकार से कहा जा सकता है, जैसे –
सुबह होने से पहले हम गाँव में थे।
पौ फटने वाली थी कि हम गाँव में थे।
तारों की छाँव रहते-रहते हम गाँव पहुँच गए।
नीचे दिए गए वाक्य को अलग-अलग तरीके से लिखिए –
‘जान नहीं पड़ता था कि घोड़ा आगे जा रहा है या पीछे।’
Answer:
(1) जान नहीं पड़ता था कि घोड़ा आगे है या मैं आगे।
(2) समझ में नहीं आ रहा था कि घोड़ा मेरे आगे है या पीछे।
(3) समझ में नहीं आ रहा है कि घोड़ा कहा गया?
Question 14:
ऐसे शब्द जो किसी ‘अंचल’ यानी क्षेत्र विशेष में प्रयुक्त होते हैं उन्हें आंचलिक शब्द कहा जाता है। प्रस्तुत पाठ में से आंचलिक शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
आंचलिक शब्द –
(1) कुची-कुची (दया-दया)
(2) थुक्पा
Question 15:
पाठ में कागज़, अक्षर, मैदान के आगे क्रमश: मोटे, अच्छे और विशाल शब्दों का प्रयोग हुआ है। इन शब्दों से उनकी विशेषता उभर कर आती है। पाठ में से कुछ ऐसे ही और शब्द छाँटिए जो किसी की विशेषता बता रहे हों।
Answer:
(1) खुफ़िया विभाग
(2) अच्छी तरह
(3) श्वेत शिखर
(4) बरफ़ की सफ़ेदी
Page No 29:
Question 1:
थोङ्ला के पहले के आखिरी गाँव पहुँचने पर भिखमंगे के वेश में होने के बावजूद लेखक को ठहरने के लिए उचित स्थान मिला जबकि दूसरी यात्रा के समय भद्र वेश भी उन्हें उचित स्थान नहीं दिला सका। क्यों?
Answer:
लेखक के मित्र सुमति की यहाँ के लोगों से जान-पहचान होने के कारण भिखमंगों के वेश में रहने के बावजूद भी उन्हें ठहरने के लिए अच्छी जगह मिली।
जबकि दूसरी यात्रा के समय जानकारी न होने के कारण भद्र यात्री के वेश में आने पर भी उन्हें रहने के लिए उचित स्थान नहीं मिला। उन्हें गाँव के एक सबसे गरीब झोंपड़े में ठहरने को स्थान मिला। ऐसा होना बहुत कुछ, लोगों की उस वक्त की मनोवृति पर भी निर्भर करता है। क्योंकि शाम के वक्त छङ् पीकर बहुत कम होश-हवास को दुरुस्त रख पाते हैं।
Question 2:
उस समय के तिब्बत में हथियार का कानून न रहने के कारण यात्रियों को किस प्रकार का भय बना रहता था?
Answer:
तिब्बत में हथियार का कानून न रहने के कारण उस समय यात्रियों को डाकुओं से मारे जाने का खतरा था।
Question 3:
लेखक लङ्कोर के मार्ग में अपने साथियों से किस कारण पिछड़ गया?
Answer:
लङ्कोर के मार्ग में लेखक का घोड़ा थककर धीमा चलने लगा था इसलिए लेखक अपने साथियों से पिछड़कर रास्ता भटक गए।
Question 4:
लेखक ने शेकर विहार में सुमति को उनके यजमानों के पास जाने से रोका, परंतु दूसरी बार रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया?
Answer:
एक मंदिर में लेखक वहाँ के बुद्धवचन-अनुवाद की हस्तलिखित पोथियाँ पढ़ रहे थे। वे पोथियाँ को पढ़ने में मग्न थे। इसलिए सुमति के अपने यजमानों से मिलने जाने के बारे में पूछने पर लेखक ने उन्हें जाने के लिए कह दिया।
Question 5:
अपनी यात्रा के दौरान लेखक को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?
Answer:
यात्रा के दौरान लेखक को निम्नलिखित कठिनाइयों का सामना करना पड़ा –
(1) उस समय भारतीयों को तिब्बत यात्रा की अनुमति नहीं थी। इसलिए उन्हें भिखमंगे के रुप में यात्रा करना पड़ी।
(2) चोरी के डर से भिखमंगों को वहाँ के लोग घर में घुसने नहीं देते थे। इसी कारण लेखक को भी ठहरने के स्थान को लेकर कठिनाई का सामना करना पड़ा।
(3) डाँड़ा थोङ्ला जैसी खतरनाक जगह को पार करना पड़ा।
(4) लङ्कोर का रास्ता तय करते समय रास्ता भटक जाने के कारण वे अपने साथियों से बिछड़ गए।
Question 6:
प्रस्तुत यात्रा-वृत्तांत के आधार पर बताइए कि उस समय का तिब्बती समाज कैसा था?
Answer:
उस समय तिब्बती समाज में जाति-पाँति, छुआ-छूत नहीं था, औरतों के लिए परदा प्रथा का प्रचलन भी नहीं था, अपरिचित व्यक्ति को वे अपने घर में आने दे सकते थे परन्तु चोरी के भय से किसी भिखमंगे को घर में घुसने नहीं देते थे। वहाँ आतिथ्य सत्कार अच्छी तरह से किया जाता था।
Question 7:
‘मैं अब पुस्तकों के भीतर था।’ नीचे दिए गए विकल्पों में से कौन सा इस वाक्य का अर्थ बतलाता है –
(क) लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया।
(ख) लेखक पुस्तकों की शैल्फ़ के भीतर चला गया।
(ग) लेखक के चारों ओर पुस्तकें ही थीं।
(घ) पुस्तक में लेखक का परिचय और चित्र छपा था।
Answer:
(क) लेखक पुस्तकें पढ़ने में रम गया। (✓)
Page No 30:
Question 8:
सुमति के यजमान और अन्य परिचित लोग लगभग हर गाँव में मिले। इस आधार पर आप सुमति के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का चित्रण कर सकते हैं?
Answer:
सुमति की चारित्रिक विशेषताएँ –
(1) सुमति व्यवहार कुशल व्यक्ति थे।
(2) उनका व्यवहार सबसे मित्रतापूर्ण था।
(3) वे जहाँ भी जाते थे वहीं अपने अच्छे स्वभाव के कारण मित्र बना लेते थे।
(4) अलग-अलग जगहों पर घूमना उन्हें ज़्यादा पसंद था।
(5) वे एक से अधिक बार तिब्बत आ चुके थे और वहाँ के हर एक गाँव से भली-भाँति परिचित थे।
Question 9:
‘हालाँकि उस वक्त मेरा भेष ऐसा नहीं था कि उन्हें कुछ भी खयाल करना चाहिए था।’ –
उक्त कथन के अनुसार हमारे आचार-व्यवहार के तरीके वेशभूषा के आधार पर तय होते हैं। आपकी समझ से यह उचित है अथवा अनुचित, विचार व्यक्त करें।
Answer:
बहुत हद तक वेश-भूषा हमारे आचार-व्यवहार से सम्बन्धित होती है। वेश-भूषा मनुष्य के व्यक्तित्व को दर्शाती है। उदाहरण के तौर पर साधु-संत को देखकर उनका सात्विक रूप हमारे सामने उभरता है। उसी प्रकार एक भिखमंगे की वेश-भूषा देखने पर उसकी आर्थिक विप्पणता सामने आती है।
Question 10:
यात्रा-वृत्तांत के आधार पर तिब्बत की भौगोलिक स्थिति का शब्द-चित्र प्रस्तुत करें। वहाँ की स्थिति आपवेफ राज्य/शहर से किस प्रकार भिन्न है?
Answer:
तिब्बत एक पहाड़ी प्रदेश है। यहाँ बरफ़ पड़ती है। इसकी सीमा हिमालय पर्वत से शुरू होती है। डाँड़े के ऊपर से समुद्र तल की गहराई लगभग 17-18 हज़ार फीट है। पूरब से पश्चिम की ओर हिमालय के हज़ारों श्वेत शिखर दिखते है। भीटे की ओर दीखने वाले पहाड़ों पर न तो बरफ़ की सफ़ेदी थी, न किसी तरह की हरियाली। उत्तर की तरफ पत्थरों का ढ़ेर था।
Question 11:
आपने भी किसी स्थान की यात्रा अवश्य की होगी? यात्रा के दौरान हुए अनुभवों को लिखकर प्रस्तुत करें।
Answer:
इस प्रश्न का उत्तर अपने अनुभवों के आधार पर दें।
Question 12:
यात्रा-वृत्तांत गद्य साहित्य की एक विधा है। आपकी इस पाठ्यपुस्तक में कौन-कौन सी विधाएँ हैं? प्रस्तुत विधा उनसे किन मायनों में अलग है?
Answer:
प्रस्तुत पाठ्यपुस्तक में “महादेवी वर्मा” द्वारा रचित “मेरे बचपन के दिन” संस्मरण है। संस्मरण भी गद्य साहित्य की एक विधा है। इसमें लेखिका के बचपन की यादों का एक अंश प्रस्तुत किया गया है।
यात्रा वृत्तांत तथा संस्मरण दोनों ही गद्य साहित्य की विधाएँ हैं जोकि एक दूसरे से भिन्न है। यात्रा वृत्तांत किसी एक क्षेत्र की यात्रा के अपने अनुभवों पर आधारित है तथा संस्मरण जीवन के किसी व्यक्ति विशेष या किसी खास स्थान की स्मृति पर आधारित है। संस्मरण का क्षेत्र यात्रा वृत्तांत से अधिक व्यापक है।
Question 13:
किसी भी बात को अनेक प्रकार से कहा जा सकता है, जैसे –
सुबह होने से पहले हम गाँव में थे।
पौ फटने वाली थी कि हम गाँव में थे।
तारों की छाँव रहते-रहते हम गाँव पहुँच गए।
नीचे दिए गए वाक्य को अलग-अलग तरीके से लिखिए –
‘जान नहीं पड़ता था कि घोड़ा आगे जा रहा है या पीछे।’
Answer:
(1) जान नहीं पड़ता था कि घोड़ा आगे है या मैं आगे।
(2) समझ में नहीं आ रहा था कि घोड़ा मेरे आगे है या पीछे।
(3) समझ में नहीं आ रहा है कि घोड़ा कहा गया?
Question 14:
ऐसे शब्द जो किसी ‘अंचल’ यानी क्षेत्र विशेष में प्रयुक्त होते हैं उन्हें आंचलिक शब्द कहा जाता है। प्रस्तुत पाठ में से आंचलिक शब्द ढूँढ़कर लिखिए।
Answer:
आंचलिक शब्द –
(1) कुची-कुची (दया-दया)
(2) थुक्पा
Question 15:
पाठ में कागज़, अक्षर, मैदान के आगे क्रमश: मोटे, अच्छे और विशाल शब्दों का प्रयोग हुआ है। इन शब्दों से उनकी विशेषता उभर कर आती है। पाठ में से कुछ ऐसे ही और शब्द छाँटिए जो किसी की विशेषता बता रहे हों।
Answer:
(1) खुफ़िया विभाग
(2) अच्छी तरह
(3) श्वेत शिखर
(4) बरफ़ की सफ़ेदी